अबकी राखी

साल भर उड़े आसमां में उम्मीदों के पाखी
तब जाके आई थी इस साल की यह राखी

सुबह उठा, फिर खूब चहुंओर राहें निहारी
आशा थी, उमंग थी  आएगी बहना हमारी

भाई बहन के नाम था,  साल का एक दिन
पल पल गुजारा मैंने पल पल को गिन गिन

मजबूरियों और हालात ने मुझे किया है दूर
पर बहना का प्यार तो कम नहीं हुआ हजूर

इंतजार करते    खुली  आंखों में सपने देखे
दीदी के आने तक सूने हाथ मैंने अपने देखे

काफी वक्त तो राह  निहारते कोने में गुजारा
सूने हाथ संग यूँ ही गुजरा ये साल भी हमारा

कोई टिप्पणी नहीं:

Powered By Blogger

गांव और शहर में बंटी सियासत, चम्बा में BJP को डैमेज कंट्रोल करना बना चुनौती

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की बाद भाजपा में बगावत के सुर तेज हो गए हैं। ऐसा ही कुछ हाल चम्बा जिला के...