हैप्पी टीचर डे

अगर न होते जीवन में टीचर
जाने कैसा होता अपना फ्यूचर
मां ने ऊंगली पकड़ चलना सिखाया
टीचर ने शिक्षा संसार का बोध कराया

मां बाप के बाद ॠण है टीचर का
रखता है आधार बच्चे के फ्यूचर का
टीचर बिना ना होता शब्दों का ज्ञान
संवारते हैं जीवन, बढ़ाते हैं सम्मान

सच कहूँ तो टीचर बिना हम कुछ नहीं
बिना ज्ञान के हमारा फ्यूचर कुछ नहीं
अज्ञानी को ज्ञानी बनाते हैं टीचर
गर न होते तो कैसा होता अपना फ्यूचर।।

-रविन्द्र कुमार अत्री @

कोई टिप्पणी नहीं:

Powered By Blogger

गांव और शहर में बंटी सियासत, चम्बा में BJP को डैमेज कंट्रोल करना बना चुनौती

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की बाद भाजपा में बगावत के सुर तेज हो गए हैं। ऐसा ही कुछ हाल चम्बा जिला के...