गांव और शहर में बंटी सियासत, चम्बा में BJP को डैमेज कंट्रोल करना बना चुनौती


हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की बाद भाजपा में बगावत के सुर तेज हो गए हैं। ऐसा ही कुछ हाल चम्बा जिला के सदर विधानसभा क्षेत्र में बना गया है। यहां प्रत्याशी बदले जाने के बाद सियासत ग्राणीण और शहरी के बीच बंट गई है। ऐसे में भाजपा को डैमेज कंट्रोल करना किसी चुनौती से कम नहीं है।




भाजपा ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा करते हुए वर्तमान सदर विधायक पवन नैय्यर का टिकट काट दिया था। उनके स्थान पर महिला नेत्री इंदिरा कपूर को पार्टी उम्मीदवार घोषित किया था। इसके बाद पवन नैय्यर के समर्थकों ने खूब विरोध जताया था। पार्टी हाईकमान को 24 घंटे में टिकट बदलने का अल्टीमेटम दिया था। जिसके बाद भाजपा हाईकमान ने 36 घंटे के भीतर टिकट बदल दिया। 


भाजपा ने इंदिरा कपूर के स्थान पर नगर परिषद चम्बा की अध्यक्ष नीलम नैय्यर को पार्टी उम्मीदवार बना दिया। इससे शहरी क्षेत्र के मतदाता और भाजपा कार्यकर्ता तो संतुष्ट हो गए, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र से संबंध रखने वाली इंदिरा कपूर का टिकट कटने के बाद लोगों में ग्राणीण क्षेत्र से भेदभाव करने का मुद्दा उठ गया है। अब शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में जमकर विरोध हो रहा है।





ग्रामीण क्षेत्रों से संबंध रखने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं के समेत आम मतदाता भी विरोध पर उतर आ आएं हैं। ग्रामीण क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या अधिक और शहरी क्षेत्र में कम मतदाता होने की बात भी खूब उछाली जा रही है। ऐसे में भाजपा के लिए डैमेज कंट्रोल करना अब चुनौती बन गई है। हालांकि यह तो वक्त ही बताएगा कि इसे मुद्दे का कितना प्रभाव पड़ता है, मगर दो बार आवंटन होने से समीकरण बिगड़ते नजर आ रहे हैं।

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