दिल ना मिले थे हमारे, मुलाकात अधूरी रह गई
ना गुफ्तगू हुई दरमियां हमारे बात अधूरी रह गई
ना गुफ्तगू हुई दरमियां हमारे बात अधूरी रह गई
देखना याद आएंगे बिछड़ कर वो पल अक्सर
पास होकर रुहों की ये मुलाकात अधूरी रह गई
पास होकर रुहों की ये मुलाकात अधूरी रह गई
नादान बने रहे हम इक दूजे से अनजान बनकर
यह सोचते गुजरी मेरी तो हर रात अधूरी रह गई
यह सोचते गुजरी मेरी तो हर रात अधूरी रह गई
इश्क समंदर डूब सके न हम दोनों जिसके अंदर
अकेले अकेले आंसुओं की बरसात पूरी बह गई
अकेले अकेले आंसुओं की बरसात पूरी बह गई
आज हम दूर हैं दोनों इक दूजे के पास रह कर
खिलें फूल चमन में कैसे बरसात अधूरी रह गई
खिलें फूल चमन में कैसे बरसात अधूरी रह गई
जज्बात जिंदा हैं हमारे दिल में कह नहीं सकते
तेरी मेरी बीच जो हर मुलाकात अधूरी रह गई
रविन्द्र कुमार अत्री 'अधीर'
तेरी मेरी बीच जो हर मुलाकात अधूरी रह गई
रविन्द्र कुमार अत्री 'अधीर'
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