कभी तो मैं तेरा रंग था
तेरी खुशबू... उमंग था
बुने थे जो तूने संग मेरे
उन सपनों की पतंग था
तेरी धड़कन ओ चाहत था
तेरी सांसों की आहट था
दूरी जब होती थी दर्मियां
तेरे चेहरे की घबराहट था
एकदम से तूने बदला रंग
कसम खाई न जियें संग
प्यार भरे दिल से खेली तू
देख कर अब हुआ हूँ दंग
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